यह बालिकाओं की शिक्षा गति तय करने वाले स्कूलों की स्थापना जैसे प्रत्येक जिला में नवोदय विद्यालय, माध्यमिक शिक्षा का व्यावसायीकरण, ज्ञान का संवर्धन और उच्च शिक्षा में अन्तर संकाय अनुसंधान, राज्यों में और अधिक मुक्त विश्वविद्यालय आरंभ करना, अखिल भारत तकनीकी शिक्षा परिषद को सुदृढ़ करना, खेल-कूद को प्रोत्साहन देना, शारीरिक शिक्षा, योग और प्रभावी मूल्यांकन प्रविधि अपनाया जाना आदि पर विशेष बल देता है।